श्री नैथना देवी मंदिर में दानदाताओं की सूची | |
प्रियजनों की स्मृति मैं माता के मंदिर की सीढ़ियों के निर्माण हेतु अपना योगदान देने वालो दानदाताओं की सूची |
आदरणीय सज्जनों मंदिर के स्वरूप को बने हुए लगभग 90 वर्ष हो चुके हैं
जिसे स्वनामधन्य संतशिरोमणि पूज्य स्वामी हरिनारायण जी ने तत्कालीन
उपलब्ध साधन सामग्री के द्वारा क्षेत्रीय ग्राम वासियों व ग्राम नौबाड़ा के
तब के मालगुंजार स्वर्गीय श्री महेन्दर सिंह रौतेला जी के नेतृत्व में स्थानीय
कुशल कारीगरों द्वारा बनवाया गया था । वर्तमान परिस्थितियों में मंदिर
का नवीनीकरण और समुचित प्रबंधन परम आवश्यक हो गया था ।
ब्रह्मलीन स्वामी जी ने भी अपनी समाधि लेने से पूर्व अपने अनुयायियों को
आदेश दिया था कि मंदिर का पुनरुद्धार कर इसे आधुनिक रूप में विकसित
किया जाना चाहिए। स्वामी जी की इसी सनातन आज्ञा का पालन करने के
उद्देश्य से एवं माँ भगवती की प्रेरणा से क्षेत्र के स्थानीय एवं प्रवासी श्रद्धालु
भक्तजनों ने वर्ष 2005 में श्री नैथना देवी मंदिर विकास समिति के नाम से
जो उत्तराखंड सरकार से पंजीकृत है, का विधिवत गठन किया
जिसकी पंजीकरण संख्या UK0640172021006407 है।
वर्तमान में क्षेत्र के करीब 85 गांवों के
भक्त, समिति के सदस्य के रूप में अपनी-अपनी सेवाएं दे रहे हैं । इसका
मुख्य उद्देश्य यह है कि नैथना देवी मंदिर का जीर्णोद्धार कर नैथना देवी
पर्वत को केंद्रीय व उत्तराखंड की सरकारों के सहयोग से एक आदर्श पर्यटन
स्थल के रूप में विकसित किया जाए। भूतपूर्व विधायक श्री सुरेंद्र सिंह
जीना एवं सांसद बचे सिंह रावत जी के अथक परिश्रम से तत्कालीन
माननीय मुख्यमंत्री श्री भुवन चंद्र खंडूरी जी द्वारा पर्यटन स्थलों में शामिल
करते हुए इसे विकसित करने की घोषणा की थी, जिसके फलितार्थ धीरे-
धीरे सामने आ रहे हैं।
सज्जनों मंदिर के निर्माण एवं विकास कार्यों के लिए भगीरथ प्रयत्न करने हैं
तब कहीं हम इस उद्देश्य को प्राप्त कर पाएंगे। समिति के सीमित संसांधनों
से, आप सभी के सहयोग के बिना यह विशाल धार्मिक व सामाजिक कार्य
होना बहुत कठिन है, इसलिए सभी धर्मावलंबी सज्जनों व भक्तों से अनुरोध
है कि इस परम-पावन कार्य में अपना अमूल्य सहयोग करके ‘श्री माँ
भगवती’ का आशीर्वाद प्राप्त करें।
समिति ने श्री नैथना देवी पर्वत स्थल के विकास हेतु एक मास्टर प्लान
बनाया है, जिसमें भगवती का मंदिर व अन्य मंदिरों का जीर्णोद्धार जो
लगभग पूर्ण हो चुका है, यज्ञशाला, सत्संग भवन आदि का कार्य मुख्य हैं।
एक सत्संग भवन निर्माणाधीन भी है। कोई दानदाता इस प्लान के अंतर्गत
किसी कार्य को अपने नाम अथवा पूर्वजों की स्मृति में करवाने में रुचि रखते
हैं तो समिति सहर्ष स्वीकार करेगी। समिति के नियमानुसार पूर्व में जो
रुपए १००००/ तथा वर्तमान में ११०००/- व इससे अधिक राशि देने
वाले दानदाताओं को समिति में स्थाई सदस्य माना जाता है । ऐसे
दानदाताओं के नाम व अन्य विवरण स्थाई रूप से संगमरमर अथवा
पट्टलेखों में अंकित किए जाते हैं जिससे उन सभी सज्जनों का त्याग भावी
पीढ़ी के लिए प्रेरणादायक होगा। आप अपना सहयोग समिति के कार्यालय
में चेक-ड्राफ्ट के माध्यम से श्री नैथना देवी मंदिर विकास समिति (पंजी.)
के नाम से दे सकते हैं। दान में दी गई राशि को भारत सरकार
द्वारा आयकर की धारा 80G के अंतर्गत छूट प्राप्त है। आपका सहयोग इस
कार्य को परिणाम तक ले जाने में अमूल्य सिद्ध होगा।